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रेगिस्तान की जादूई यात्रा
एक बार की बात है। एक ऐसा रेगिस्तान था जो हमेशा अपना रूप बदलता रहता था। इस रेगिस्तान में एक छोटा सा गाव था जहां जैफिर नाम का एक लड़का रहता था। जैफिर को रेट के तुफानों के साथ नाचना बहुत पसंद था। वह सफेद और नारंगी रंग के फटे पुराने कपड़े पहनता था और एक आदिवासी मुखवटा लगाता था।
एक दिन गाव के बुजुर्गों ने जैफिर को ब�्सासे कहा, हाँ, मैं जरूर जाओंगा, लेकिन मुझे किसी ऐसे की मदद चाहिए जो मृक्तिशना को पहचान सके। बुजुर्गों ने मुस्कुराते जेफिर और ओएसिस ने कई अजीबो गरीब चीजे देखीं। कभी रेत के टीले हाथी बन जाते, तो कभी उंट। एक बार तो पूरा रेगिस्तान ही एक विशाल समुदर में बदल गया।
जेफिर ने अपने मुख़ोड़े को ठीक करते हुए कहा, ओएसिस, ये रेगिस्तान तो हमें भरमित कर रहा है। तुम्हें कोई नकलिस्तान दिखाई दे रहा है। ओएसिस ने आंखें मूद कर कहा, अभी नहीं भैया, लेकिन मुझे विश्वास है कि हम जल्द ही उसे डूंड लेंगे।
अचानक एक भैंकर रेत का तुफान आया। जैफिर ने अपने हाथ फैलाए और तुफान के साथ नाचने लगा। उसके नित्ती से तुफान धीरे धीरे शांत होने लगा। ओएसिस चिलाई, वाह भैया, तुमने तो कमाल कर दिया। लेकिन